Saturday, July 7, 2012

मीना सुमन का संबोधन

।। जय अलसी मां ।। 


लंबी है डगर   और  कठिन   है सफर, 
करना तो है मगर आप साथ दें अगर। 


भाइयों और बहनों, 

देश-विदेश में विख्यात हमारे पथ-प्रदर्शक और अलसी के स्टार-प्रचारक आदरणीय डॉ. ओ.पी.वर्मा ने अपने लेखों, टी.वी. कार्यक्रमों और चेतना-यात्राओं के माध्यम से जो पूरे देश में अलसी चेतना की ज्वाला जलाई है, अलसी की फसल बोई है, उसकी सुगंध अब सर्वत्र फैल गई है, हर तरफ अलसी के नीले फूलों की छटा छाई हुई है, जिधर देखो लोग अलसी से स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं। पूरे देश से लोग हजारों इन्हें फोन करते है। लोगों की अच्छी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। हमारी संस्था फ्लेक्स अवेयरनेस सोसाइटी (अलसी चेतना यात्रा) के पिछले कई वर्षों से अलसी के बारे में जागरूकता लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। संस्था के अन्य प्रमुख उद्देश्य हैं। 
  • लोगों को ट्रांसफैट युक्त वनस्पति घी और रिफाइन्ड तेल से स्वास्थ्य पर होने वाले घातक प्रभावों के बारे में लोगों को बताना और इनको प्रतिबंधित करवाने के लिए प्रयास करना। 
  • जैविक खाद्य पदार्थों के उत्पादन और प्रयोग को प्रोत्साहन देना, लोगों को जैविक खाद्य पदार्थों के लाभ समझाना। 
  • खाद्य पदार्थों में मिलावट, जो देश की सबसे गंभीर समस्या है, के बारे में लोगों को जानकारी देना। मिलावट रोकने के लिए संबंधित विभागों से सामंजस्य रखते हुए कार्यवाही करना। 
  • लोगों को स्वास्थ्य की संपूर्ण जानकारी देने के उद्देष्य से एक स्वास्थ्य-पत्रिका का प्रकाशन करना। 
  • कोटा में देश-विदेश के रोगियों को उच्चस्तरीय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु प्राकृतिक चिकित्सालय, रिसर्च लेब, गौ शाला, कृषि अनुसंधान कैंद्र और विशाल हर्बल पार्क विकसित करना। 
  • सब जानते हैं कि आजकल कैंसर उपचार के लिए दी जाने कीमोथैरेपी एवं रेडियोथैरेपी के लिए हॉस्पीटल भारी कीमत वसूलते हैं। फिर भी कुछ ही रोगियों को लाभ मिलता है। गाँवों के गरीब लोग जमीन बेचकर, कर्जा लेकर अपने परिजनों के कैंसर का उपचार कराने शहर आते हैं और अक्सर लाखों रूपये खर्च करने के बदले उन्हें अपने परिजनों की मौत के सिवा कुछ नहीं मिलता है। 
  • अलसी दुर्गा का पांचवां स्वरूप है, इसे पार्वती एवं उमा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पूजा अर्चना करने से मनुष्य सीधे मोक्ष को प्राप्त करता है। अलसी के संबंध में शास्त्रों में कहा गया है- 

अलसी  नीलपुष्पी  पावर्तती  स्यादुमा  क्षुमा। 
अलसी  मधुरा  तिक्ता  स्त्रिग्धापाके  कदुर्गरुः। 
उष्णा दृष शुकवातन्धी कफ पित्त विनाशिनी। 
          इसलिए हमें अलसी मां का एक विशाल संगमरमर का मंदिर भी बनवाना है। 
  • अभी तक संस्था का पूरा खर्चा डॉ. ओ.पी.वर्मा ने अपनी जेब से किया है और किसी से कोई अनुदान नहीं लिया हैं। लेकिन इतने बड़े कार्यक्रम को अंजाम देने के लिए बहुत बड़ी धन राशि की जरूरत है। यह कार्य आपके अनुदान के बिना संभव नहीं होगा। 

अतः मैं, मीना सुमन, आपसे गुज़ारिश करती हूँ कि आप हमारी संस्था को यथा संभव अपना आर्थिक सहयोग पूरी भावना और जोश के साथ दे कर संस्था को सशक्त बनाये ताकि अलसी-चेतना देश के हर घर में पहुँचे और डॉ. ओ.पी.वर्मा का भारत को स्वस्थ और सम्पन्न देश के रूप में विकसित करने का सपना पूरा हो सके। बड़ा अनुदान देने के लिए आप इस नंबर पर 9460816360 पर बात कर सकते हैं। आप अपनी धन राशि फ्लेक्स अवेयरनेस सोसाइटी के स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, तलवंडी, कोटा राजस्थान के खातासंख्या 65180192509 में भी जमा करवा सकते हैं। आपके द्वारा दी गई हर छोटी या बड़ी धनराशि हमारे लिए अनमोल है। 

मीना सुमन 
विशेष सचिव 
अलसी चेतना यात्रा 7-
वैभव हॉस्पिटल 
7-बी-43, महावीर नगर तृतीय, कोटा राज. 
http://flaxindia.blogspot.com 
+919460816360 
अलसी चेतना से बड़ा  कोई कर्म नहीं 
और दान   से  बड़ा   कोई  धर्म   नहीं 


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